Considerations To Know About Shiv chaisa
Considerations To Know About Shiv chaisa
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योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
लिङ्गाष्टकम्
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
बृहस्पतिदेव की कथा
प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करने से आपके जीवन की कठनाईया दूर होती हैं ।
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
अर्थ: माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक more info बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
संकट में पूछत नहिं कोई ॥ स्वामी एक more info है आस तुम्हारी ।
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥